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Tuesday, January 14, 2025

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एक स्थापित सहजयोगी एक एंटीना की तरह है|

एक स्थापित सहजयोगी शरीर के विभिन्न सूक्ष्म चक्रों से विद्युत-चुंबकीय तरंगों को अपनी उंगलियों पर महसूस कर सकता है| जब हम टेलीफोन के माध्यम से बात करते हैं तो हम विद्युत-चुंबकीय तरंगों का उपयोग कर रहे होते हैं्| उसी प्रकार की घटना यहॉं घटित होती है| इस स्पंदनात्मक जागरूकता (ऊर्जा) को प्राप्त करने वाला सहजयोगी दूसरों को ठीक करने के लिए इसका उपयोग कर सकता है| एक बार जब ये कंपन प्रवाहित होने लगते हैं तो हम अपने शरीर में मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक पहलुओं को संतुलित कर सकते हैं ताकि संतुलन प्राप्त किया जा सके| हमारी सभी परेशानियों का कारण यह है कि मूल रूप से हम संतुलन में नहीं हैं | हम या तो बहुत भावुक (बाएं तरफा) या बहुत भौतिकवादी (दाएं तरफा) हैं्| वाइब्रेटरी अवेयरनेस की यह छठी इंद्रिय हमें संतुलन (केंद्र) में रहने में मदद करती है और सभी बीमारियों से मुक्त बनाती है| टोटल हेल्थ केयर (समग्र स्वास्थ्य देखभाल) के लिए पहली आवश्यक शर्त यह है कि एक व्यक्ति को संपूर्ण माना जाए्| बीमारी का इलाज करते समय उसकी शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मानसिक, सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए्| इसका पालन सहज योग के सिद्धांत में पूर्ण रूप से किया जाता है| हमारे शरीर में मौजूद नाड़ियों और चक्रों के समुचित कार्य के लिए मनोसामाजिक व्यवहार के निर्धारित मानदंड हैं्| इस तरह के विचार, उनकी धारणा, दृष्टिकोण, अंतर-पारिवारिक संबंध, सामाजिक व्यवहार, संस्कृति और पर्यावरण को शरीर के उचित कामकाज और बीमारी के दौरान उसके इलाज में उनकी भूमिका को परिभाषित करने के लिए अपनाया गया है| रोग ज्यादातर इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी और सात सूक्ष्म चक्रों (चित्र ) की स्थिति का प्रतिबिंब होते हैं जो किसी के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मनो-सामाजिक व्यवहार से गतिशील रूप से प्रभावित होते हैं्|
आज कल आधुनिक युग में लोग अधिक से अधिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे हैं और नए प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग कर रहे हैं जैसे की विज़ुअलाइज़ेशन, मिथक, ऑटो सुझाव, सम्मोहन, बायोफीड बैक तकनीक, एक्यूपंक्चर, मैग्नेटो-थेरेपी, बॉडी वर्क, क्वांटम हीलिंग आदि पसंद करते हैं्| यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आज पुरुष और महिलाएं निश्चित रूप से बीमारियों के कारण अधिक विकलांग महसूस कर रहे हैं्| इसका मूल कारण आज यह है कि जीवन के सभी क्षेत्रों में यांत्रिक दृष्टिकोण का प्रभुत्व है और यही कारण है कि वे सभी प्रकार के स्वास्थ्य क्लबों और चिकित्सा पद्धतियों की शरण ले रहे हैं्|आज एक ऐसे योग की आवश्यकता है जो मानव जीवन के सभी पहलुओं को समग्रता से देख सके | परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी प्रणित सहजयोग मानव जीवन के उपर्युक्त सभी पहलुओं को समाहित करता है और वर्तमान युग के लिए एक आदर्श योग है| लिम्बिक सिस्टम पर कुंडलिनी जागरण की प्राप्ति के बाद व्यक्ति सूक्ष्म हो जाता है और इस सर्वव्यापी शक्ति को कंपन के रूप में उंगलियों पर महसूस करना शुरू कर देता है| *यह स्पंदनात्मक जागरूकता मानव जाति के इतिहास में अद्वितीय है| आत्म-साक्षात्कार के बाद इन स्पंदनों को हाथ की हथेलियों और सिर के ऊपर से बहने वाली सूक्ष्म ठंडी हवा के रूप में महसूस होता है| यह एक उपचार शक्ति भी है| इस स्पंदनात्मक जागरूकता में, एक तरफ कोई यह महसूस कर सकता है कि कौन से चक्र अवरुद्ध हैं और दूसरी तरफ कोई इन सूक्ष्म चक्रों के सुधार का काम भी कर सकता है |
आप भी अपने चक्रों की स्थिति जानने के लिए ,संपूर्ण स्वास्थ्य पाने के लिए और उस सर्वव्यापी शक्ति से जुड़ने के लिए आप अपना आत्मसाक्षात्कार और सहजयोग से संबंधित अधिक जानकारी निम्न साधनों से प्राप्त कर सकते हैं | यह पूर्णतया नि:शुल्क ( free ) है |
टोल फ्री नं १८०० २७०० ८०० वेबसाइट् –www.sahajayoga.org.in यूट्यूब चैनल लर्निंग सहजयोगा , प्रति शनिवार , शाम ०५:०० बजे |
जय श्री माताजी |

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