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Sunday, May 18, 2025

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चित की शक्ति

परम पूज्य माताजी हमें चित की शक्ति के बारे में बताती हैं्| मां हमें बताती है कि जब हमारी शुद्ध इच्छा जागृत होगी की जो हमारा है उसे जानना है तो यह चित्र इतना आलोकित हो जाता है कि जहां हमारा जीत जाता है वहां कार्यान्वित होगा जहां हम देखेंगे वहीं घटित होगा फिर हमें आश्चर्य होता है कि यह कैसे घटित हो गया मां हमें बताती हैं कि यह प्रेम की शक्ति है यह हमें प्रेम करती है| यह बड़ी साधारण और प्रेममयी है| और यह प्रेम की शक्ति बड़ी शक्तिशाली है जो बड़े से बड़े कार्यो को करती है|
मां हमें बताती है कि भारत भूमि बहुत ही महान भूमि है यहां बड़े-बड़े साधु संत हो गए और वह जो कह गए उसको सिद्ध करने के लिए आप लोग आए हो|
नामदेव जी ने कहा है कि जो दुष्ट होते हैं वह दुष्ट ही रहते हैं उनसे दूर ही रहना चाहिए्| श्री मां कहती हैं की बहुत से लोग इसलिए खराब हो जाते हैं क्योंकि उनका कोई सहारा नहीं होता| लेकिन हमें किसी गुरु के पास जाने की जरूरत नहीं क्योंकि हम स्वयं के गुरु हैं्|
श्री मां कहते हैं कि जब हम एक बार आत्म दर्शन पा लेंगे तो सारे संत साधुओं को जान लेंगे और अपनी इस योग भूमि की महत्वा को भी जान लेंगे|
स्व अनुभव:- जैसे मैंने अपनी सहेली और अपने भाई पर चित ही डाला जिसे काफी महीनों से बात नहीं हुई थी तो हमने बस बस चित ही डाला कि किसी दिन इन लोगों से बात करेंगे तो हुआ यह की दो-तीन घंटे बाद सहेली का फोन और फिर २ घंटे बाद इस भाई का भी फोन आया और दोनों से बातें हुई्|
तो यही हमारे चित की शक्ति है और प्रेम की शक्ति है जो चित में आया और कार्यान्वित हुआ श्री मां का असीम प्रेम है यह्|
स्वरचित भावनाएं: – श्री मां के बिन कोई नहीं है हमारा|
डूबते हुए कश्ती का श्री मां है सहारा |
आओ स्वयं का स्वयं से सरोकार करें्|
श्री मां आदिशक्ति हैं हम यह आभाष करें्|्|
सुनैना कुशवाहा
सहज योग ध्यान केंद्र सतना मध्य प्रदेश्|

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