सहजयोग में एक आदर्श पति पत्नी कैसे होने चाहिए और सहज विवाह किस लिए शुरू किया गया ,इसके मूल्य क्या है ? *इसके बारे में श्रीमाताजी ने कई बार शादी के पहले ही दूल्हे – दुल्हनो को समझाया है|* हमे श्री माताजी की अमृतवाणी सुनकर उनके बताए मार्ग को अपनाना चाहिए्| *श्री माताजी का पूरा जीवन ही हम सहजयोगियों के लिए एक उदाहरण है|* अगर हम श्री माताजी के पूरे जीवन को देखे तो समझ में आ जायेगा
कि *हमारी परम पूज्य श्री माताजी ने अपना पूरा जीवन पापाजी के साथ एक आदर्श पत्नी के रूप में तो निभाया ही है| उन्होंने एक मां , दादी ,नानी , आदि का किरदार भी हमारे लिए एक आदर्श स्थापित करने लिए निभाया |* श्री माताजी ने सहज विवाह केवल दो यक्तियो को साथ लाने के लिए नहीं शुरू किया| *यह दो समुदायों ,दो राष्ट्रों ,दो देशों को एक साथ लाने के लिए शुरू किया है|* सहज विवाह करके एक आदर्श पति पत्नी के रूप में , खुशहाल और सफल जीवन जीकर *समाज के सामने एक आदर्श स्थापित करना चाहिए* | बाहर के नॉन सहजयोगियो को दिखाना चाहिए की सहज विवाह करके आप कितने खुश हैं्| न कि नॉन सहजयोगियों के सामने मूर्खता पूर्ण आचरण करके सहजयोग को बदनाम करना चाहिए | जो लोग सहज विवाह करते है उनपर बाहर के समाज के लोगो की नजर ज्यादा होती है इसलिए भी आपको सतर्क रहना चाहिए्| *पति पत्नी दोनो को श्री सीता-राम की तरह एक दूसरे को प्यार करना चाहिए और एक दूसरे को सम्मान भी देना चाहिए्|* एक दूसरे को समझने की कोशिश करना चाहिए | पति पत्नी का एक दूसरे पर रॉब जमाना,एक दूसरे को डोमिनेंट करने की कोशिश करना, सहजयोग में सही नही है| *पति पत्नी गाड़ी के दो पहिए की तरह है एक बाएं और एक दाएं तरफ है| दोनो पहिए बराबर साइज के होते है | दोनो पहियों को एक ही डायरेक्शन में चलना होता है ,तभी गाड़ी अच्छी तरह चल पाती हैं्|* घर ,परिवार ,समाज आदि की जिम्मेदारी दोनो को आपसी समझदारी से निभाना चाहिए्| ये पति पत्नी दोनों की जिम्मेदारी होती है | श्री माताजी ने *पुरुषों को ब्रेन कहा है और स्त्रियों को हार्ट | ब्रेन अगर फेल हो जाए तो भी हार्ट चलता रहता है लेकिन अगर हार्ट फेल हो जाए तो ब्रेन भी फेल हो ही जाता है|* इसलिए स्त्रियों को खुद को कम नहीं समझना चाहिए्| ब्रेन मतलब पुरुषों को शांत करने की शक्ति स्त्रियों में अधिक होती है| इसलिए स्त्रियां अपना महत्त्व समझे और अपने आप को कमजोर या दबा हुआ महसूस न करे| पुरुषों को मुखिया (ब्रेन) का काम करने दे और स्त्रियां हार्ट की तरह पूरी बॉडी को ब्लड सप्लाई करती रहे (मतलब परिवार की देखभाल प्यार से करती रहे यह स्त्रियों की जिम्मेदारी है |) श्री माताजी ने पापाजी की पसंद का सम्मान रखते हुए जो चीजे पापाजी को पसंद नही थी वो नहीं की और जो पसंद थी वो की -जैसे कि पापाजी ने श्री माताजी को चूड़ी पहनें रहने के लिए कहा था उनको श्री माताजी के हाथों में चूड़ियां अच्छी लगती थी इसलिए श्री माताजी हमेशा चूड़ियां पहनती थी| पापाजी को श्री माताजी का बालों में फूल लगाना पसंद नहीं था इसलिए श्री माताजी ने बालों में फूल लगाना छोड़ दिया| *छोटी छोटी बातों को त्याग देने से अगर पति पत्नी में प्यार गहरा होता है तो हमे उन छोटी बातों को त्याग देना चाहिए्|* न कि अपनी मन मर्जी करके सामने वाले को दुखी या उदास कर देना चाहिए | जीवन में बहुत बार झगड़े का कारण छोटी छोटी बातें ही होती है | *जिद नहीं करना चाहिए लोग अपनी पसंद की चीजे करने के चक्कर में रिस्तो को ही त्याग देते है जो आज कल की सबसे बड़ी समस्या है |* परिवार की खुशियों का ख्याल रखना हर सहजयोगी पति पत्नी का धर्म है| सहज विवाह करके आप एक और भी बेहतर इंसान बनते हैं्| *सहज विवाह करके आप बहुत महान आत्माओं को इस धरती पर आने का मौका देने में सक्षम हो जाते है|* सहज विवाह करके सहजयोगियों में ,समाज में प्यार बांटना,सफल सहज विवाह की निशानी है| एक आदर्श समाज का निर्माण करना,भारतीय सभ्यता को अपनाना यह सभी सहजयोगियों की ज़िम्मेदारी है| पति पत्नी दोनो एक दूसरे के अस्तित्व का अंग प्रत्यंग है| पति पत्नी को अपनी सारी बातें , खुशियां, पीड़ाएं,सारी समस्याएं एक दूसरे से साझा करना चाहिए | पति पत्नी दोनो को समझदार होना चाहिए ,दोनो को एक दूसरे की भावनाओं को समझना चाहिए और उसका आदर भी करना चाहिए्| हर परिस्थिति में एक दूसरे का साथ देना चाहिए | सात फेरे लेते वक्त जो सात वचन दिए जाते है उनको निभाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए | खुद भी खुश रहकर , औरों को भी खुशियां बाटनी चाहिए्| सहजयोग को प्रतिष्ठा ,ख्याति दिलाने का उत्तरदायित्व हम सबका है| *अपनी जिम्मेदारी समझे और एक आदर्श सफल सहज विवाह का उदाहरण बने|
जय श्री माताजी|